जयपुर. लाइसेंस व वाहनों की आरसी अभी स्मार्ट कार्ड के रूप में ही लोगों को मिलते रहेंगे। ई-लाइसेंस पर अभी अस्थायी ब्रेक लग गए हैं। ई-लाइसेंस की व्यवस्था दो महीने पहले लागू होनी थी, लेकिन अभी तक भी इस पर निर्णय नहीं हुआ है।
दरअसल, परिवहन मुख्यालय से दो महीने पहले ही ई-लाइसेंस की फाइल परिवहन मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला को भेजी गई थी। वहां इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई गई। उसके बाद उड़ीसा में पूर्व में लागू किए गए ई-लाइसेंस मॉडल का विभागीय अधिकारियों ने अध्ययन किया। अब पुन: फाइल मंत्री को भेजी गई है। मंत्री स्तर से अनुमति मिलने के बाद फाइल को वित्त विभाग को भेजा जाएगा। ऐसे में अभी ई-लाइसेंस व्यवस्था को धरातल पर उतरने में काफी समय लगेगा।
ई-लाइसेंस व्यवस्था लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस व वाहनों की आरसी को ई-आधार की तरह डाउनलोड कर पाएंगे। यदि कोई व्यक्ति चाहेगा तो आधार की तरह ही ई-मित्र केंद्र से लाइसेंस का प्रिंट निकलवा सकेगा। इस बदलाव से लाइसेंस की फीस भी कम होगी। अभी तक लाइसेंस के स्मार्ट कार्ड के लिए 200 रुपए फीस के लिए जाते हैं। नई व्यवस्था लागू होते ही 200 रुपए फीस कम हो जाएगी। नई व्यवस्था लागू होने के बाद लाइसेंस व आरसी में चिप के बजाए क्यूआर कोड लगाया जाएगा। ट्रैफिक पुलिसकर्मी क्यूआर कोड को अपने फोन से स्कैन कर एम परिवहन एप पर लाइसेंस व आरसी की डिटेल देख सकेंगे। क्यूआर कोड वाले लाइसेंस की हार्डकॉपी रखना जरूरी नहीं होगा। सॉफ्ट कॉपी को भी स्कैन किया जा सकेगा।