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Information about Khatu Shyam Ji: खाटू श्याम जी के बारे में जानकारी

खाटू श्याम जी के बारे में जानकारी :

खाटू श्याम जी का असली नाम बर्बरीक था और वे पांडव पुत्र भीम के पोते और घटोत्कच के बेटे थे।

खाटू श्याम जी का जन्मोत्सव हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की ग्यारस को मनाया जाता है।

खाटू श्याम जी के मंदिर में हर साल फाल्गुन में शुक्ल षष्ठी से बारस तक शानदार मेला लगता है।

खाटू श्याम जी में बचपन से ही वीर और महान योद्धा के गुण विधमान थे।

खाटू श्याम जी को भगवान शिव से उन्हें तीन अभेद्य बाण मिले थे इसलिए उन्हें तीन बाण धारी भी कहा जाता है।

भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक को कलियुग में खाटू श्याम जी के नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था।

खाटू श्याम जी का मंदिर राजस्थान के सीकर ज़िले में है।

खाटू श्याम जी के मंदिर से मोर पंख घर लाना शुभ माना जाता है।

खाटू श्याम जी को भगवान श्री कृष्ण का अवतार मानते है। तथा शीश के दानी के नाम से भी जाना जाता है।

खाटू श्याम जी मंदिर भारतीय राज्य राजस्थान के सीकर जिले के खाटू गांव में है। यह खाटू श्याम जी का मंदिर कृष्ण और बर्बरीक की पूजा करने के लिए एक तीर्थ स्थल है जिन्हें अक्सर कुलदेवता के रूप में पूजा जाता है। बताया जाता है कि मंदिर में बर्बरीक का असली सिर है जो एक महान योद्धा थे जिन्होंने कुरुक्षेत्र युद्ध के दौरान श्री कृष्ण के कहने पर अपना सिर काटकर उन्हें गुरु दक्षिणा के रूप में अर्पित कर दिया था और बाद में श्री कृष्ण ने उन्हें श्याम नाम से पूजने का वर्दान दिया था।

हिन्दू धर्म के अनुसार खाटू श्याम जी ने द्वापरयुग में श्री कृष्ण से वरदान प्राप्त किया था कि वे कलयुग में उनके श्याम नाम से पूजे जाएँगे। बर्बरीक का शीश खाटू गांव में है इसलिए उन्हें खाटू श्याम जी के नाम से पूजा जाता है। एक कथा के अनुसार एक गाय उस स्थान पर रोज दुग्ध की धारा स्वतः ही बहा रही थी। फिर खुदाई के बाद वह शीश प्रकट हुआ जिसे कुछ दिनों के लिए एक ब्राह्मण को सूपुर्द किया गया।

फिर खाटू नगर के राजा द्वारा उस स्थान पर मन्दिर का निर्माण करवाया गया और कार्तिक माह की एकादशी को शीश मन्दिर में सुशोभित किया जिसे श्याम जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। श्याम जी का मूल मंदिर रूपसिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कँवर ने 1027 ई. में बनवाया था। मारवाड़ के शासक ठाकुर के दीवान अभय सिंह ने ठाकुर के निर्देश पर 1720 ई. में मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।

खाटू श्याम जी का अर्थ है "मां सैव्यम पराजित:" इसका मतलब जो हारे हुए को शक्ति और बल प्रदान करें।

भगवान श्रीकृष्ण से बर्बरीक को वरदान प्राप्त था कि वह कलयुग में खाटू श्याम जी नाम से पूजे जायेगे।

खाटू श्याम जी को कलयुग में भगवान श्री कृष्ण का अवतार माना जाता है और इनका जन्म कार्तिक शुक्ल में देवउठनी एकादशी के दिन मनाया जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल षष्टि से लेकर बारस तक खाटू श्याम मंदिर में भव्य मेला लगता है।

खाटू श्याम जी 108 नाम जानें :

  1. अचला
  2. अच्युत
  3. अद्भुतह
  4. आदिदेव
  5. अदित्या
  6. अजंमा
  7. अजया
  8. अक्षरा
  9. अम्रुत
  10. अनादिह
  11. आनंद सागर
  12. अनंता
  13. अनंतजित
  14. अनया
  15. अनिरुध्दा
  16. अपराजीत
  17. अव्युक्ता
  18. बालगोपाल
  19. बलि
  20. चतुर्भुज
  21. दानवेंद्रो
  22. दयालु
  23. दयानिधि
  24. देवाधिदेव
  25. देवकीनंदन
  26. देवेश
  27. धर्माध्यक्ष
  28. द्वारकाधीश
  29. गोपाल
  30. गोपालप्रिया
  31. गोविंदा
  32. ज्ञानेश्वर
  33. हरि
  34. हिरंयगर्भा
  35. ऋषिकेश
  36. जगद्गुरु
  37. जगदिशा
  38. जगन्नाथ
  39. जनार्धना
  40. जयंतह
  41. ज्योतिरादित्या
  42. कमलनाथ
  43. कमलनयन
  44. कामसांतक
  45. कंजलोचन
  46. माधव
  47. कृष्ण
  48. लक्ष्मीकांत
  49. लोकाध्यक्ष
  50. मदन
  51. केशव
  52. मधुसूदन
  53. महेंद्र
  54. मनमोहन
  55. मनोहर
  56. मयूर
  57. मोहन
  58. मुरली
  59. मुरलीधर
  60. मुरलीमनोहर
  61. नंद्गोपाल
  62. नारायन
  63. निरंजन
  64. निर्गुण
  65. पद्महस्ता
  66. पद्मनाभ
  67. परब्रह्मन
  68. परमात्मा
  69. परमपुरुष
  70. पार्थसार्थी
  71. प्रजापती
  72. पुंण्य
  73. पुर्शोत्तम
  74. रविलोचन
  75. सहस्राकाश
  76. सहस्रजित
  77. सहस्रपात
  78. साक्षी
  79. सनातन
  80. सर्वजन
  81. सर्वपालक
  82. श्रीकांत
  83. सत्यवचन
  84. सत्यव्त
  85. शंतह
  86. श्रेष्ट
  87. सर्वेश्वर
  88. श्याम
  89. श्यामसुंदर
  90. सुदर्शन
  91. सुमेध
  92. सुरेशम
  93. स्वर्गपति
  94. त्रिविक्रमा
  95. उपेंद्र
  96. वैकुंठनाथ
  97. वर्धमानह
  98. वासुदेव
  99. विष्णु
  100. विश्वदक्शिनह
  101. विश्वकर्मा
  102. विश्वमूर्ति
  103. विश्वरुपा
  104. विश्वात्मा
  105. वृषपर्व
  106. यदवेंद्रा
  107. योगि
  108. योगिनाम्पति

खाटू श्याम जी की आरती जानें :

ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।। ओम जय श्री श्याम हरे..

रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे।

तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े।। ओम जय श्री श्याम हरे..

गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे।

खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले।। ओम जय श्री श्याम हरे..

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।

सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे।। ओम जय श्री श्याम हरे..

झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे।

भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे।। ओम जय श्री श्याम हरे..

जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।

सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे।। ओम जय श्री श्याम हरे..

श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे।

कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे।। ओम जय श्री श्याम हरे..

जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।

निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे।। ओम जय श्री श्याम हरे..

ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।।

ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

खाटू श्याम जी को भक्तो द्वारा पुकारे जाने वाले नाम :

खाटू श्याम जी, नीले घोड़े का सवार, तीन बाण धारी, लखदातार, हारे का सहारा, शीश का दानी, मोर्वीनंदन, खाटू वाला श्याम, खाटू नरेश, श्याम धनी आदि नामो से पुकारा जाता है।

खाटू श्याम जी चालीसा जानें :

दोहा :

श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द।

श्याम चालीसा भजत हूँ, रच चैपाई छन्द।।

चौपाई :

श्याम श्याम भजि बारम्बारा, सहज ही हो भवसागर पारा।

इन सम देव न दूजा कोई, दीन दयालु न दाता होई।।

भीमसुपुत्र अहिलवती जाया, कहीं भीम का पौत्र कहाया।

यह सब कथा सही कल्पान्तर, तनिक न मानों इनमें अन्तर।।

बर्बरीक विष्णु अवतारा, भक्तन हेतु मनुज तनु धारा।

वसुदेव देवकी प्यारे, यशुमति मैया नन्द दुलारे।।

मधुसूदन गोपाल मुरारी, बृजकिशोर गोवर्धन धारी।

सियाराम श्री हरि गोविन्दा, दीनपाल श्री बाल मुकुन्दा।।

दामोदर रणछोड़ बिहारी, नाथ द्वारिकाधीश खरारी।

नरहरि रूप प्रहलद प्यारा, खम्भ फारि हिरनाकुश मारा।।

राधा वल्लभ रुक्मिणी कंता, गोपी बल्लभ कंस हनंता।

मनमोहन चितचोर कहाये, माखन चोरि चोरि कर खाये।।

मुरलीधर यदुपति घनश्याम, कृष्ण पतितपावन अभिराम।

मायापति लक्ष्मीपति ईसा, पुरुषोत्तम केशव जगदीशा।।

विश्वपति त्रिभुवन उजियारा, दीनबन्धु भक्तन रखवारा।

प्रभु का भेद कोई न पाया, शेष महेश थके मुनियारा।।

नारद शारद ऋषि योगिन्दर, श्याम श्याम सब रटत निरन्तर।

कवि कोविद करि सके न गिनन्ता, नाम अपार अथाह अनन्ता।।

हर सृष्टि हर युग में भाई, ले अवतार भक्त सुखदाई।

हृदय माँहि करि देखु विचारा, श्याम भजे तो हो निस्तारा।।

कीर पड़ावत गणिका तारी, भीलनी की भक्ति बलिहारी।

सती अहिल्या गौतम नारी, भई श्राप वश शिला दुखारी।।

श्याम चरण रच नित लाई, पहुँची पतिलोक में जाई।

अजामिल अरु सदन कसाई, नाम प्रताप परम गति पाई।।

जाके श्याम नाम अधारा, सुख लहहि दुख दूर हो सारा।

श्याम सुलोचन है अति सुन्दर, मोर मुकुट सिर तन पीताम्बर।।

गल वैजयन्तिमाल सुहाई, छवि अनूप भक्तन मन भाई।

श्याम श्याम सुमिरहुं दिनराती, शाम दुपहरि अरु परभाती।।

श्याम सारथी सिके रथ के, रोड़े दूर होय उस पथ के।

श्याम भक्त न कहीं पर हारा, भीर परि तब श्याम पुकारा।।

रसना श्याम नाम पी ले, जी ले श्याम नाम के हाले।

संसारी सुख भोग मिलेगा, अन्त श्याम सुख योग मिलेगा।।

श्याम प्रभु हैं तन के काले, मन के गोरे भोले भाले।

श्याम संत भक्तन हितकारी, रोग दोष अघ नाशै भारी।।

प्रेम सहित जे नाम पुकारा, भक्त लगत श्याम को प्यारा।

खाटू में है मथुरा वासी, पार ब्रह्म पूरण अविनासी।।

सुधा तान भरि मुरली बजाई, चहुं दिशि नाना जहाँ सुनि पाई।

वृद्ध बाल जेते नारी नर, मुग्ध भये सुनि वंशी के स्वर।।

दौड़ दौड़ पहुँचे सब जाई, खाटू में जहाँ श्याम कन्हाई।

जिसने श्याम स्वरूप निहारा, भव भय से पाया छुटकारा।।

दोहा :

श्याम सलोने साँवरे, बर्बरीक तनु धार।

इच्छा पूर्ण भक्त की, करो न लाओ बार।।

खाटू श्याम जी के मंत्र जानें :

  • ॐ मोर्वये नमः
  • ॐ श्री श्याम देवाय नमः
  • ॐ सुहृदयाय नमो नमः
  • ॐ श्याम शरणम् ममः
  • ॐ मोर्वी नंदनाय नमः
  • ॐ शीशदानेश्वराय नमः
  • ॐ खाटूनाथाय नमः
  • ॐ महाधनुर्धर वीर बर्बरीकाय नमः
  • ॐ श्याम देवाय बर्बरीकाय हरये परमात्मने, प्रणतः क्लेशनाशाय सुहृदयाय नमो नमः
  • ॐ मोर्वी नंदनाय विद्महे श्याम देवाय धीमहि तन्नो बर्बरीक प्रचोदयात्

खाटू श्याम जी के टॉप मंदिर :

  • खाटू श्याम जी मंदिर: सीकर, राजस्थान
  • खाटू श्याम जी मंदिर: दिल्ली
  • खाटू श्याम मंदिर: हरियाणा
  • खाटू श्याम जी मंदिर : उत्तर प्रदेश
  • श्याम बाबा मंदिर : पटना, बिहार

 

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