राजपूत समाज का इतिहास जानें :
राजपूत संस्कृत शब्द राज-पुत्र से लिया जिसका अर्थ राजा का पुत्र है। राजपूतों की उनके साहस, वफादारी और राजशाही के लिए सराहना की गई। राजपूत वे योद्धा थे जो युद्धों में लड़ते थे और शासन की जिम्मेदारियों लेते थे। राजपूत पश्चिमी, पूर्वी और उत्तरी भारत के साथ पाकिस्तान के क्षेत्रों से आए थे। छठी से बारहवीं शताब्दी तक राजपूत वंश सर्वोच्च था।
हर्षवर्धन के बाद भारत में कोई भी ऐसा शक्तिशाली राजा नहीं हुआ जिसने भारत के वृहद भाग पर एकछत्र राज्य किया हो। इस युग में भारत अनेक छोटे बड़े राज्यों में विभाजित हो गया। और इनके राजा राजपूत कहलाने लगे तथा सातवीं से बारहवीं शताब्दी के इस युग को राजपूत युग कहा गया था।
राजपूत (संस्कृत राजपुत्र से “एक राजा का पुत्र”) पश्चिमी, मध्य और उत्तरी भारत के साथ पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों का पितृवंशीय कबीला है। जो उत्तर भारत के शक्तिशाली हिंदू सैन्य अभिजात वर्ग के वंशज होने का दावा करते हैं। बीसवीं शताब्दी में राजपूतों ने राजस्थान और सौराष्ट्र की रियासतों में भारी बहुमत के साथ शासन किया जिसमें सबसे अधिक रियासतें शामिल थी। राजपूत लोग और प्राचीन राजपूत राज्य पूरे भारत में (उत्तरी, पश्चिमी और मध्य भारत में ) पाए जाते हैं उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत में एकाग्रता के साथ राजपूत व्यावहारिक रूप से पूरे उपमहाद्वीप (राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सौराष्ट्र, जम्मू, हरियाणा, मध्य प्रदेश और बिहार) में बसे हुए थे।
छठी शताब्दी तक राजपूतों को एक विशिष्ट जातीय समूह के रूप में मान्यता नहीं दी गई थी। और हेफ़थलाइट्स या व्हाइट हूणों के साथ लगातार संघर्ष होते रहे। राजपूत वंश के तीन मुख्य वंश (सूर्यवंशी या सौर राजवंश, हिंदू सूर्य-देवता सूर्य के वंशज) माने जाते हैं चंद्र राजवंश की स्थापना चंद्रवंशी, हिंदू चंद्रमा देवता चंद्र के वंशज, चंद्रवंशी ने की थी। अग्नि वंश, अग्निवंशी, अग्नि के हिंदू देवता, अग्नि के वंशज हैं। इस वंश में चार कुल (चौहान, परमार, सोलंकी और प्रतिहार) हैं। इन सभी को कुलों में विभाजित किया गया है।
राजपूत धर्मशाला में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई। इस दौरान राजपूतों के गौरवमयी इतिहास के बारे में बताया गया। वक्ताओं ने कहा अगर राजपूत ना होते भारत का कोई इतिहास नहीं होता। राजपूत समाज ने हमेशा देश के लिए प्राणों की आहुति दी हैं चाहे वह महाराणा प्रताप हो या फिर पृथ्वीराज चौहान।
राजपूतों की पृष्ठभूमि जानें :
राजपूतों के राज्य | राजधानी | संस्थापक |
दिल्ली-अजमेर के चौहान/चहमान | दिल्ली | वासुदेव |
कन्नौजी के प्रतिहार/परिहार | अवंती, कन्नौजो | नागभट्ट प्रथम |
मालवा के पवार/परमार | उज्जैन, धारो | सीक द्वितीय ‘श्री हर्ष’ |
काठियावाडी के चालुक्य/सोलंकी | अनिहालवाद | मुलराजा प्रथम |
मलखंड का राष्ट्रकूट | मलखंड / मान्यखेता | दंतीदुर्ग (दंती वर्मन द्वितीय) |
जेजाकभुक्ति का चंदेला | खजुराहो, महोबा, कालिंजारी | नन्नुक चनादेला |
चेदि के कलचुरी/हैहया | त्रिपुरी | कोक्कला प्रथम |
कन्नौजी के गढ़वाल/राठौर | कन्नौज | चंद्रदेव |
आसपास के क्षेत्रों के तोमर- हरियाणा और दिल्ली | ढिल्लिका | अनंगपाल सिंह तोमरी |
मेवाड़ के गुहिलोटा/सिसोदिया | चित्तौड़ | बप्पा रावल, हम्मीर प्रथम |
कन्नौजी के प्रतिहार/परिहार | अवंती, कन्नौजो | नागभट्ट प्रथम |
मालवा के पवार/परमार | उज्जैन, धारो | सीक द्वितीय ‘श्री हर्ष’ |
काठियावाडी के चालुक्य/सोलंकी | अनिहालवाद | मुलराजा प्रथम |
मलखंड का राष्ट्रकूट | मलखंड / मान्यखेता | दंतीदुर्ग (दंती वर्मन द्वितीय) |
जेजाकभुक्ति का चंदेला | खजुराहो, महोबा, कालिंजारी | नन्नुक चनादेला |
राजपूत जाति की शाखाएँ जानें :
1. सूर्य वंश की शाखाएँ जानें :
- कछवाह
- राठौड
- बड़ागूजर
- सिकरावर
- सिसौदिया
- गहलोत
- गौर
- गहलाबार
- रेकबार
- जुनाने
- बैस
- रघुवंशी
2. चंद्रवंश की शाखाएँ जानें :
- जादौन
- भटेई
- तोमर
- चंदेल
- छोंकर
- होंड
- पुंडीर
- कटैरिया
- दहिया
3. अग्नि वंश की शाखाएँ जानें :
- चौहान
- सोलंकी
- परिहार
- पमार
4. ऋषि वंश की शाखाएँ जानें :
- सेंगर
- दीक्षित
- दायमा
- दौतम
5. अनवर वंश की शाखाएँ जानें :
- विसेन
- कराचुल
- सूखी घास
- अबाकू तम्बाकू
- कथोक
- डेलेला
- बुंदेला
6. चौहान वंश की शाखाएँ जानें :
- हाड़ा
- खींची
- सोनीगारा
- पाविया
- पुरबिया
- सांचौरा
- मेलावल
- भदौरिया
- निर्वाण
- मैलानी
- धूरा
- मदारेवा
- सनीखेची
- वरेछा
- पसेरिया
- बालेछा
- रूसिया
- चंदा
- निकूम
- भावर
- छछरिया
- उजावनिया
- देवादा
- बनकार
नाम गोत्र वंश
सूर्यवंशी भारद्वाज सूर्य
चन्दोसिया भारद्वाज वैस
चौपटखम्ब कश्यप ब्रह्मक्षत्रिय
धाकरे भारद्वाज(भृगु) ब्रह्मक्षत्रिय
धन्वस्त यमदाग्नि ब्रह्मक्षत्रिय
धेकाहा कश्यप पंवार की शाखा
दोबर(दोनवर) वत्स या कश्यप ब्रह्मक्षत्रिय
हरद्वार भार्गव चन्द्र शाखा
जायस कश्यप राठौड की शाखा
जरोलिया व्याघ्रपद चन्द्र
जसावत मानव्य कछवाह शाखा
जोतियाना मानव्य कश्यप,कछवाह शाखा
घोडेवाहा मानव्य कछवाह शाखा
कछनिया शान्डिल्य ब्रह्मक्षत्रिय
काकन भृगु ब्रह्मक्षत्रिय
कासिब कश्यप कछवाह शाखा
किनवार कश्यप सेंगर की शाखा
बरहिया गौतम सेंगर की शाखा
लौतमिया भारद्वाज बढगूजर शाखा
मौनस मानव्य कछवाह शाखा
नगबक मानव्य कछवाह शाखा
पलवार व्याघ्र सोमवंशी शाखा
रायजादे पाराशर चन्द्र की शाखा
सिंहेल कश्यप सूर्य
गहलोत बैजवापेण सूर्य
सिसोदिया बैजवापेड सूर्य
कछवाहा मानव सूर्य
राठोड कश्यप सूर्य
सोमवंशी अत्रय चन्द
यदुवंशी अत्रय चन्द
भाटी अत्रय जादौन
जाडेचा अत्रय यदुवंशी
जादवा अत्रय जादौन
तोमर व्याघ्र चन्द
कटियार व्याघ्र तोंवर
पालीवार व्याघ्र तोंवर
परिहार कौशल्य अग्नि
तखी कौशल्य परिहार
पंवार वशिष्ठ अग्नि
सोलंकी भारद्वाज अग्नि
चौहान वत्स अग्नि
हाडा वत्स चौहान
खींची वत्स चौहान
भदौरिया वत्स चौहान
देवडा वत्स चौहान
शम्भरी वत्स चौहान
बच्छगोत्री वत्स चौहान
राजकुमार वत्स चौहान
पवैया वत्स चौहान
गौर,गौड भारद्वाज सूर्य
बैस भारद्वाज सूर्य
गेहरवार कश्यप सूर्य
सेंगर गौतम ब्रह्मक्षत्रिय
कनपुरिया भारद्वाज ब्रह्मक्षत्रिय
बिसैन वत्स ब्रह्मक्षत्रिय
निकुम्भ वशिष्ठ सूर्य
सिरसेत भारद्वाज सूर्य
कटहरिया वशिष्ठ्याभारद्वाज सूर्य
वाच्छिल अत्रयवच्छिल चन्द्र
बढगूजर वशिष्ठ सूर्य
झाला मरीच कश्यप चन्द्र
गौतम गौतम ब्रह्मक्षत्रिय
रैकवार भारद्वाज सूर्य
करचुल हैहय कृष्णा त्रेयचन्द्र
चन्देल चान्द्रायन चन्द्रवंशी
जनवार कौशल्य सोलंकी शाखा
बहरेलिया भारद्वाज वैस की गोद सिसोदिया
दीत्तत कश्यप सूर्यवंश की शाखा
सिलार शौनिक चन्द्र
सिकरवार भारद्वाज बढगूजर
सुरवार गर्ग सूर्य
सुर्वैया वशिष्ठ यदुवंश
मोरी ब्रह्मगौतम सूर्य
टांक (तत्तक) शौनिक नागवंश
गुप्त गार्ग्य चन्द्र
कौशिक कौशिक चन्द्र
भृगुवंशी भार्गव चन्द्र
गर्गवंशी गर्ग ब्रह्मक्षत्रिय
पडियारिया देवल,सांकृतसाम ब्रह्मक्षत्रिय
ननवग कौशल्य चन्द्र
वनाफ़र पाराशर,कश्यप चन्द्र
जैसवार कश्यप यदुवंशी
चौलवंश भारद्वाज सूर्य
निमवंशी कश्यप सूर्य
वैनवंशी वैन्य सोमवंशी
दाहिमा गार्गेय ब्रह्मक्षत्रिय
पुण्डीर कपिल ब्रह्मक्षत्रिय
तुलवा आत्रेय चन्द्र
कटोच कश्यप भूमिवंश
चावडा वशिष्ठ पंवार की शाखा
अहवन वशिष्ठ चावडा,कुमावत
डौडिया वशिष्ठ पंवार शाखा
गोहिल बैजबापेण गहलोत शाखा
बुन्देला कश्यप गहरवारशाखा
काठी कश्यप गहरवारशाखा
जोहिया पाराशर चन्द्र
गढावंशी कांवायन चन्द्र
मौखरी अत्रय चन्द्र
लिच्छिवी कश्यप सूर्य
बाकाटक विष्णुवर्धन सूर्य
पाल कश्यप सूर्य
सैन अत्रय ब्रह्मक्षत्रिय
कदम्ब मान्डग्य ब्रह्मक्षत्रिय
पोलच भारद्वाज ब्रह्मक्षत्रिय
बाणवंश कश्यप असुरवंश
काकुतीय भारद्वाज चन्द्र,प्राचीन सूर्य
सुणग वंश भारद्वाज चन्द्र,पाचीन सूर्य
दहिया कश्यप राठौड शाखा
जेठवा कश्यप हनुमानवंशी
मोहिल वत्स चौहान शाखा
बल्ला भारद्वाज सूर्य
डाबी वशिष्ठ यदुवंश
खरवड वशिष्ठ यदुवंश
सुकेत भारद्वाज गौड की शाखा
पांड्य अत्रय चन्द
पठानिया पाराशर वनाफ़रशाखा
बमटेला शांडल्य विसेन शाखा
बारहगैया वत्स चौहान
भैंसोलिया वत्स चौहान
कश्यप दीक्षित कछवाह शाखा
तिसहिया कौशल्य परिहार
तिरोता कश्यप तंवर की शाखा
उदमतिया वत्स ब्रह्मक्षत्रिय
भाले वशि ष्ठपंवार
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