नई दिल्ली : मतदाता पहचान पत्र को आधार नम्बर से लिंक करना अनिवार्य नहीं बल्कि वैकल्पिक होगा। एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी दी है।
आयोग ने कोर्ट से कहा है कि मतदाता सूची में नए मतदाताओं को जोड़ने और पुराने मतदाताओं के रिकॉर्ड को अद्यतन करने के लिए अपने फॉर्म में बदलाव कर यह स्पष्ट करेगा कि पहचान पत्र के लिए आधार संख्या प्रदान करना वैकल्पिक है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाल और जस्टिस मनोज मिश्रा की बैंच ने आयोग के इस स्पष्टीकरण के बाद पीआइएल का निपटारा कर दिया।
आयोग डुप्लिकेट प्रविष्टियों को खत्म करने के लिए आधार को मतदाता सूचियों से जोड़ने पर नया नियम लेकर आया था। जी.निरंजन ने जनहित याचिका में मांग की थी कि आधार नम्बर अनिवार्य नहीं होने के बारे में स्पष्टीकरण जारी करने का निर्देश दिया जाए। चुनाव आयोग की ओर से कहा गया कि सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में 66 करोड़ से अधिक आधार नंबर पहले ही अपलोड किए जा चुके हैं।