गुर्जर/गुर्जरो का इतिहास जानें
गुर्जरों की कुलदेवी: माँ चामुंडा
गुर्जरों के कुल देवता: भगवान देवनारायण इनका जन्म बगड़ावत कुल के नागवंशीय गुर्जर परिवार में हुआ था।
गुर्जरों के वंश: परमार, प्रतिहार और सोलंकी
गुर्जरों का सबसे पुराना गोत्र: चेची गोत्र
गुर्जर समाज की शाखाएं: लोर, खारी, गायरी, डाब, मेवाडा, मेवाती, रेवा, दोडे, बक्करवाल
गुर्जरों का नाम: गुर्जर, गुज्जर, गोजर, गुर्जर, गूजर, गूर्जर और वीर गुर्जर
गुर्जरों के विवाह: राजस्थान के गुर्जर समाज में नाता विवाह लोकप्रिय है।
गुर्जरों की कास्ट: भारत के कुछ राज्यों में गुर्जरों को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया हालाँकि जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारत सरकार के सकारात्मक भेदभाव आरक्षण कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जनजाति के रूप में नामित किया गया है।
गुर्जरों की भाषा: इंडो-आर्यन भाषा
गुर्जर (गुज्जर, गूजर, गुर्ज ) एक कृषि जातीय समुदाय है जो मुख्य रूप से भारत, पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान में रहते है गुर्जर आंतरिक रूप से विभिन्न समूहों में विभाजित है। और पारंपरिक रूप से कृषि, देहाती और खानाबदोश गतिविधियों में शामिल थे समाज में गुर्जरों की ऐतिहासिक भूमिका काफी विविध रही एक छोर पर वे कई राज्यों और राजवंशों के संस्थापक रहे हैं और दूसरी ओर कुछ अभी भी खानाबदोश हैं जिनके पास अपनी ज़मीन भी नहीं है।
गुर्जर एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ शत्रु विनाशक होता है। इनको गुर्जर, गुज्जर, गूजर, गोजर, गुर्जर, गूर्जर और वीर गुर्जर नाम से भी जानते है। महाकवि राजशेखर ने इन्हे रघुकुल तिलक तथा रघुग्रामिणी बताया है। राजस्थान में गुर्जरों को सम्मान से "मिहिर" कहते हैं जिसका अर्थ "सूर्य" होता है। गुर्जरों का मूल स्थान गुजरात और राजस्थान मानते है।
गुर्जर के इतिहास में निर्णायक बिंदु अक्सर मध्य युग (लगभग 570 ई.) के दौरान वर्तमान राजस्थान और गुजरात में गुर्जर साम्राज्य के उदय से जुड़ा हुआ है। 10वीं शताब्दी के बाद गूजरों का नामोनिशान मिटना शुरू हो गया। उसके बाद इतिहास में कई गूजर सरदारों और योद्धाओं का उल्लेख मिलता है जो अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में बहुत छोटे शासक थे। मुगल काल में गूजर या गुज्जर काफी प्रचलित थे और मुगल काल के दस्तावेजों में गूजरों को 'अशांत' लोगों के रूप में उल्लेखित किया है।
गुर्जर जाति के तीन भाग है
(1) लोर गुर्जर
(2) डाब गुर्जर
(3) पित्ल्या गुर्जर
मुगल काल में गुर्जरो ने मुगलों के विरुद्ध आवाज उठाई थी जिसका परिणाम यह हुआ कि गुर्जर जाति के लाखों लोगों को मजबूरन उस काल में धर्म परिवर्तन करना पड़ा था। आर्यावर्त में गुर्जरों की संख्या बहोत ज्यादा थी।
गुर्जरों के इतिहास के बारे में रहीमदाद खां मौलाई ने ‘तारीखे जतृतुल सिंध’ में बताया की सन 816 ई. में गुर्जर जाति के राजा नागभट्ट ने कनौज जीता और 200 साल तक शासन किया। गुर्जर राजाओं में महाराजा मिहिर भोज प्रसिद्ध थे। प्रतिहारों ने अपने शिलालेखों पर गुर्जर वंश के होने की पुष्टि की है। अरब लेखकों के अनुसार गुर्जर उनके भयंकर शत्रु थे।
सन 1300 ईसवीं में जब बचे खुचे किले भी हाथ से निकल गये तो गुर्जरों ने छापा मारना प्रारम्भ कर दिये। दिल्ली के सुल्तान ने घोषणा की थी की जहां गुर्जर दिखें खत्म कर दो। झेलम, रावलपिंडी, गुजरात व स्यालकोट के गुर्जरों ने अनेक बार दिल्ली व काबुल का मार्ग बंद कर दिया था।
बाबर की सेना पर गुर्जरों ने हमला बोला और घोड़े और पशु छीन कर ले गये। तब बाबर ने कहा था गुर्जरों ने तो नाक में दम कर दिया है। वह बलिदानी गुर्जर ही थे जिन्होंने मोहमद गौरी के शिविर में प्रवेश कर जिला झेलम के गॉव श्रीमाल में उसका कत्ल कर दिया था।
पृथ्वीराज विजय महाकाव्य के अनुसार गौरी की हत्या खोखर जाटों द्वारा की गई और आज भी अफगानिस्तान और पाकिस्तान में जाटों की गिनती गुर्जरों में होती है। गुर्जरों में जेनेटिक गुण होता है वे अपना बदला खुद ही लेते है चाहे समय कितना ही लग जाये।
गुर्जर/गुर्जरो के गोत्र जानें:
- चैची गोत्र
- खटाना गोत्र
- पोसवाल गोत्र
- घुरिया गोत्र
- हरसाणा गोत्र
- अधाना गोत्र
- नागर गोत्र
- बास्टे गोत्र
- दनघस गोत्र
- डोयला गोत्र
- बैंसला गोत्र
- दायमा गोत्र
- रियाना गोत्र
- मावई गोत्र
- पायला गोत्र
- चाहर गोत्र
- बेदी गोत्र
- फागना गोत्र
- रजाना गोत्र
- तेड़वा गोत्र
- लुर्रा गोत्र
- छावडी़ गोत्र
- अवाना गोत्र
- बिडरवास गोत्र
- मंढार गोत्र
- भाटी गोत्र
- तंवर गोत्र
- राठी गोत्र
- रावल गोत्र
- छमैण गोत्र
- छौक्कर गोत्र
- धडान्दिया गोत्र
- गुंजल
- बरहेला
- तौंगड़
- बढ़ाना
- बैसौया
- हांकला
- डेढ़ा
- भामला
- चाड़
- खेपड़
- राठ गोत्र
- परमार गोत्र
- गोरसी गोत्र
- रावत गोत्र
- भुमला गोत्र
- घाघंल गोत्र
- डाहलिला गोत्र
- लोहिया गोत्र
- सिराधना गोत्र
- बिधूड़ी गोत्र
- चावड़ा गोत्र
- ठेकुला गोत्र
- विकल
- निगोटिया गोत्र
- खारी
- कुवाडा गोत्र
- भाम्बर गोत्र
- गांगेहला गोत्र
- हलसर गोत्र
- छुवाण गोत्र
- डोई गोत्र।
- कपासिया गोत्र
- डागुर गोत्र
- मोटला गोत्र
- कराहणा गोत्र
- कनसाना गोत्र
- कसाना गोत्र
- कल्शयान चौहान
- खुबड़ ( पंवार )गोत्र
- बटार गोत्र
- चपराणा
- हूण
- नागड़ी
- कांवर
- छावई गोत्र
- बाजड़ गोत्र
- कुक्शवाल गोत्र
- बंसरोटा गोत्र
- पामढ गोत्र
- लूनी गोत्र
- नेकाडी गोत्र
- पडियार गोत्र
- जिंजड़ गोत्र
- हदवा गोत्र
- दौराता गोत्र
- कामर गोत्र
- सोलंकी गोत्र
- पाशी गोत्र
- ग्रिड गोत्र
- कांदिल गोत्र
- साथूर
- भारवद गोत्र
- कटारिया गोत्र
- करोढ गोत्र
- फामढा गोत्र
- बारू गोत्र
- चोकन गोत्र
- लेगड़ गोत्र
- देवदार गोत्र
- जिंदड़ गोत्र
- बोस गोत्र
- जांगल गोत्र
- भाटिया गोत्र
- मोरल गोत्र
- मिलू गोत्र
- रौसा गोत्र
- रैकवार गोत्र।
- चाहल गोत्र
- मनकश गोत्र
- लागर गोत्र
- लांगडी गोत्र
- चावला गोत्र
- मोठशर गोत्र
- शेमो गोत्र
- चंदिला गोत्र
- बारवाल गोत्र
- कैलाश गोत्र
- कुलयाना गोत्र
- भरगढ़ गोत्र
- दापिया गोत्र
- दिवदिया गोत्र
- लहरी गोत्र
- ढा़भाई गोत्र
- कल्शी गोत्र
- देपल गोत्र
- बिटन गोत्र
- हमदा गोत्र
- अनाना गोत्र
- ठुरगले गोत्र
- सरतोरिया गोत्र
- खिरोरीया गोत्र
- पुंडीर गोत्र
- हैमार गोत्र
- गुगला गोत्र
- अच्छवान गोत्र
- बुवाला गोत्र
- बोड गोत्र
- गराती गोत्र
- वर्मा गोत्र
- अम्बावत गोत्र
- चंदाना गोत्र
- हथवाल
- भेडी
- पीलवान
- डोक
- कांगर
- सोंती
- बादल
- कराडा
- राणा
- खोडवा
- चोपड़ा
- रु वाला
- शेपत
- डोगर
- खलोए कैथल
- पताव
- मुनार
- सिरोहा
- डिंगल
- सुमेर
- लावडा
- चैलरवाल
- लाटला
- गोलीया
- मुहाना
- दहिया।
- भांगले
- लाढी
- पुसाडिया
- खिंची
- हाडा
- अलगर
- ऊंदर
- नलीया
- छछीयार
- तुवालीया
- मारवा
- मोटर
- खाररा
- खाटरा
- खुदार
- डोहीले
- पीलवाड
- बोलन
- छेपट
- धाकड़
- बिटन
- कालस
- खोडवा
- सातूर
- सूति
- कांगस
- नरसल
- बावला
- टांटड
- हरसल
- भालेर
- भालोट
- साई
- फारक
- नेकाडी़
- फूस
- खारलवा
- कांकेर
- सिंधू
- माहली ( मॉल )
- बडियावल
- खिंचा
- गेदा
- मुंडन
- सुआ
- टोकन
- मुक्कड़
- करोडिया
- नरोलीया
- गेहुआ
- कूवार
- कोहराणा गोत्र
- बाबरे गोत्र
- निषाद गोत्र
- सिरोहा गोत्र
- डिंगल गोत्र
- मुंजर गोत्र
- कल्सा गोत्र
- डोगर गोत्र
- मेसिया गोत्र
- जुवाना गोत्र
- गिधाडी गोत्र
- बिहुन गोत्र
- अम्फाल गोत्र
- संगम गोत्र
- रडबट गोत्र
- असवार गोत्र
- अटवाल गोत्र
- विजयराणा गोत्र
- काथला गोत्र
- मूडेल मुजफ्फरनगर गोत्र
- बनयाना पंचकूला गोत्र
- मुक्कड़ कोटपुतली गोत्र
- झंगात गोत्र
- खलवा गोत्र
- टोढवाल गोत्र
- मोहनिया गोत्र
- बौनवार गोत्र
- बहरवार गोत्र
- ठौडा गोत्र
- लीलू गोत्र
- गुंजल, गोत्र
- भगीयार गोत्र
- लाड़ी गोत्र
- तेड़वा गोत्र
- कुराच गोत्र
- कुल्हार गोत्र
- गतिल्ला गोत्र
- गंगरबाल गोत्र
- गोलियां /गोविल्या गोत्र
- शाकड़ा गोत्र
- सुलानिया गोत्र
- छुवान गोत्र
- धोंचक गोत्र
- बागड़ी गोत्र
- मुंजी गोत्र
- उदयना गोत्र
- निकुम गोत्र
- टाले गोत्र
- पोनी गोत्र
- स्वासे गोत्र
- माडी गोत्र
- बेडमा गोत्र
- शम्वर गोत्र
- टोकरवार गोत्र
- बारवाल गोत्र
- दहिया गोत्र
- शुक्ल गोत्र
- डोई गोत्र
- भरगड गोत्र
- छावडी गोत्र
- सिराधना गोत्र
- घठीला गोत्र
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