WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने लागू की स्टॉक लिमिट, निर्यात पर रोक जारी

नई दिल्ली :भारत के थोक एवं खुदरा बाजार में गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने सोमवार को गेहूं के भंडारण की सीमा लागू कर दी है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार जून के अंत में पहले चरण के तहत थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए 15 लाख टन गेहूं जारी करेगी. देश में गेहूं पर्याप्त भंडार उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि गेहूं आयात नीति में बदलाव करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि गेहूं निर्यात पर रोक पहले की ही तरह जारी रहेगी. इसके साथ ही, चीनी के और निर्यात की अनुमति देने का कोई प्रस्ताव नहीं है.

15 साल में सरकार ने पहली बार उठाया यह कदम : मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने 15 वर्ष में पहली बार गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सोमवार को मार्च, 2024 तक तत्काल प्रभाव से गेहूं पर भंडारण सीमा (स्टॉक लिमिट) लागू की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत पहले चरण में केंद्रीय पूल से थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों को 15 लाख टन गेहूं बेचने का भी फैसला किया है.

गेहूं की कीमतों में आठ फीसदी बढ़ोतरी : खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि पिछले महीने में गेहूं की कीमतों में तेजी आई है. मंडी स्तर पर कीमतों में करीब आठ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, थोक और खुदरा कीमतों में इतना इजाफा नहीं हुआ है, लेकिन सरकार ने गेहूं पर स्टॉक सीमा लगा दी है. उन्होंने कहा कि यह ‘स्टॉक लिमिट’ व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी खुदरा शृंखला विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं पर 31 मार्च, 2024 तक के लिए लगाई गई है.

आयात शुल्क कम करने की नीति में बदलाव नहीं : खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि गेहूं पर आयात शुल्क कम करने को लेकर नीति में बदलाव की कोई योजना नहीं है, क्योंकि देश में पर्याप्त आपूर्ति है. उन्होंने स्पष्ट किया कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध भी जारी रहेगा.

गेहूं का पर्याप्त भंडार : उन्होंने कहा कि देश के पास गेहूं का पर्याप्त भंडार है. किसानों और व्यापारियों के पास स्टॉक है और कुछ असामाजिक तत्वों के पास भी स्टॉक हैं. हम आयात के बारे में नहीं सोच रहे हैं क्योंकि देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि गेहूं के अलावा सरकार ने ओएमएसएस के तहत चावल को उतारने का फैसला किया है और इसकी मात्रा के बारे में बाद में अंतिम रूप से तय किया जाएगा. अधिकारी ने यह भी कहा कि चीनी के और निर्यात की अनुमति देने का कोई प्रस्ताव नहीं है.

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Note: This information is sourced from public government resources. Please verify all details directly from official government portals for accuracy before making any decisions.