जयपुर. हाईकोर्ट ने एक निजी मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल फीस जमा नहीं कराने के कारण प्रवेश निरस्त करने के मामले में फीस जमा कराने पर अभ्यर्थियों को प्रवेश लेने का मौका दिलाया है। वहीं एक अन्य निजी मेडिकल कॉलेज में औपचारिकता पूरी नहीं होने के कारण निरस्त किए गए प्रवेश के मामले में भी अभ्यर्थी को इसी तरह की राहत दी है। न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने पांच अभ्यर्थियों की तीन याचिकाओं पर यह आदेश दिया। प्रार्थीपक्ष की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कोर्ट को बताया कि नीट पीजी काउंसलिंग में चार अभ्यर्थियों को प्रवेश के लिए जेएनयू आवंटित किया। इन अभ्यर्थियों ने 22 लाख 60 हजार रुपए फीस जमा करवा दी, लेकिन विवि ने पांच साल की हॉस्टल फीस जमा कराने को कहा। इस पर जेएनयू की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कमलाकर शर्मा ने कहा कि बुकलेट में हॉस्टल फीस का उल्लेख है, जो जमा करवाना अनिवार्य है। अभ्यर्थी यह फीस जमा कराते हैं तो प्रवेश देने में आपत्ति नहीं है। इसी तरह पैसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की ओर से अधिवक्ता शांतनु कुमावत ने कहा कि अभ्यर्थी ने प्रक्रिया पूरी नहीं की, अब प्रक्रिया पूरी कर दें तो प्रवेश देने में कोई आपत्ति नहीं। इन सभी मामलों में नीट काउंसलिंग बोर्ड की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विभूति भूषण शर्मा ने कहा कि सीट खाली है और अभी किसी को आवंटित नहीं की गई है। इस पर कोर्ट ने अभ्यर्थियों को प्रक्रिया पूरी करने पर प्रवेश देने का आदेश दिया।