बीजिंग. सेमीकंडक्टर चिप के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली धातु जर्मेनियम और गैलियम पर चीनी अंकुश के एक माह बाद इनका विदेशी शिपमेंट शून्य हो गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि दुनिया को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, क्योंकि सेमीकंडक्टर चिप की मांग लगातार बढ़ रही है। उधर, ड्रैगन का कहना है कि उसने कुछ निर्यात लाइसेंसों को मंजूरी भी दी है, लेकिन उसका यह प्रतिबंध कड़ी चेतावनी है कि वह भविष्य में व्यापार युद्ध में इस ‘हथियार’ का प्रयोग कर सकता है। चीन ने यह रोक तब लगाई जब अमरीका, यूरोप और जापान ने बीजिंग के लिए उन्नत चिप बनाने वाले उपकरणों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। ये देश चीन को इस तकनीक से दूर रखना चाहते हैं।
कम लागत में उत्पादन करने में सक्षम चीन
यह दोनों तत्व प्रकृति में अपने आप नहीं पाए जाते बल्कि एक प्रक्रिया के तहत इन्हें दूसरी धातुओं से प्राप्त किया जाता है जैसे एल्यूमीनियम, कॉपर और जिंक। इन धातुओं की प्रोसेसिंग महंगी, चुनौतीपूर्ण और प्रदूषणकारी हो सकती है। लेकिन चीन इस मामले में लागत कम रखने में सक्षम है जबकि अन्य प्रतिस्पर्धी देश इसका मुकाबला नहीं कर पाते। एल्यूमीनियम उद्योग में चीन की अग्रणी स्थिति और रणनीतिक नीतियों से चीन की वैश्विक गैलियम उत्पादन में प्रमुख हिस्सेदारी है।