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खाली छत पर लगा सकेंगे सोलर प्लांट, बिजली डिस्कॉम को दे सकेंगे

जयपुर. प्रदेश मेें सौर व पवन ऊर्जा के उत्पादन को बढावा देने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने रिन्यूएबल एनर्जी की नई नीति जारी कर दी है। अगले छह साल में रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन 30 हजार मेगावाट से बढ़ाकर 90 हजार मेगावाट कर दिया है। सोलर पार्क लगाने वाली बड़ी कंपनियों-निवेशकों के लिए राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी डवलपमेंट फंड व प्रोजेक्ट सिक्योरिटी राशि 5 लाख रुपए से घटाकर 1 लाख रुपए प्रति मेगावाट कर दी गई है। इसके अलावा अब आमजन अपनी खाली छत पर भी सोलर प्लांट लगा सकेंगे और यह बिजली डिस्कॉम को ग्रिड में भेजकर पैसा ले सकेंगे।

सोलर-विंड...

अभी तक सौर उर्जा को उसी परिसर में भी उपयोग करना जरूरी था। उर्जा विभाग ने शुक्रवार को नीति जारी कर दी। विषय विशेषज्ञों का दावा है कि राजस्थान को रिन्यूएबल एनर्जी हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। इससे 2029 तक 4 लाख करोड़ निवेश आने का दावा किया जा रहा है।

फ्लोटिंग सोलर लगाने का भी प्रावधान

प्रदेश में सौर व विंड एनर्जी तो बन रही है, लेकिन अभी तक स्टोरेज करने की व्यवस्था नहीं है। अब पम्प स्टोरेज व स्टेंड अलोन पम्प स्टोरेज प्रोजेक्ट लगाने की अनुमति आसानी से मिल सकेगी। इसके अलावा बांध, झील, तालाब में फ्लोटिंग सोलर लगाने के लिए भी नीति में प्रावधान कर दिया गया है। यानि, सस्ती बिजली उत्पादन के कई तरह के मैकेनिज्म डवलप किए गए हैं।

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Note: This information is sourced from public government resources. Please verify all details directly from official government portals for accuracy before making any decisions.