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Information about Shri Krishna Ji: श्री कृष्ण जी के बारे में जानकारी

श्री कृष्ण जी के बारे में जानकारी :

  • श्री कृष्ण जी विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं।
  • श्री कृष्ण का बचपन गोकुल और गोकुल के आस-पास के गांवों में बीता था।
  • श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में पांडवों का साथ दिया था।
  • श्री कृष्ण को जगन्नाथ और जगदगुरु भी कहा जाता है।
  • श्री कृष्ण ने युद्ध के मैदान में गीता का ज्ञान दिया था।
  • श्री कृष्ण जी संरक्षण, करुणा, कोमलता और प्रेम के देवता है।
  • श्री कृष्ण जी के धाम : गोलोक, वृंदावन, गोकुल, मथुरा, द्वारका, वैकुंठ
  • श्री कृष्ण जी के लिए मंत्र : हरे कृष्ण, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
  • श्री कृष्ण जी के हथियार : सुदर्शन चक्र, कौमोदकी
  • श्री कृष्ण जी की लड़ाई : कुरुक्षेत्र युद्ध (महाभारत)
  • श्री कृष्ण जी का ग्रंथों में वर्णन : महाभारत, भागवत पुराण,ब्रह्म वैवर्त, पुराणविष्णु पुराण, गरुड़ पुराण, पद्म पुराण, गर्ग संहिता, ब्रह्म संहिता, हरिवंश पर्व
  • श्री कृष्ण जी के लिए समारोह : कृष्ण जन्माष्टमी, गीता महोत्सव, गोपाष्टमी, गोवर्धन पूजा, कार्तिक पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा, लट्ठमार होल
  • श्री कृष्ण जी माँ : देवकी
  • श्री कृष्ण जी पिता : वासुदेव
  • श्री कृष्ण जी के पालक माता : यशोदा
  • श्री कृष्ण जी के पालक पिता : नंदा
  • श्री कृष्ण जी के भाई-बहन : बलराम (सौतेला भाई), सुभद्रा (सौतेली बहन)
  • श्री कृष्ण जी के राजवंश : यदुवंश और चंद्रवंश

श्री कृष्ण जी का जन्म 3228 ई.पू. श्री कृष्ण संवत् में श्री मुख संवत्सर भाद्रपद कृष्ण अष्टमी के दिन मथुरा में कंस के कारागार में माता देवकी ने जन्म दिया था।

2 वर्ष 10 महीने की उम्र में गोकुल से वृन्दावन चले गये थे। फिर 4 वर्ष की आयु में वत्सासुर और बकासुर नामक राक्षसों का वध किया। और 5 साल की आयु में अघासुर का वध किया और ब्रह्माजी का गर्व-भंग किया था।

5 वर्ष 3 महीने की आयु में गोपियों का चीर हरण किया। फिर 7 वर्ष 2 महीने 7 दिन की आयु में गोवर्धन पर्वत को उंगली पर धारण कर इन्द्र का घमंड भंग किया था।

फिर श्री कृष्ण का एक नाम गोविन्द पड़ा। फिर 8 वर्ष 1 महीने 21 दिन की उम्र में गोपियों के साथ रासलीला की।

71 साल की उम्र में सुभद्रा हरण में अर्जुन की सहायता की और इन्द्रप्रस्थ में वन दाह में अग्नि और अर्जुन की सहायता मय दानव को सभा भवन निर्माण के लिए कहा। फिर 75 वर्ष 2 महीने 20 दिन की आयु में जरासन्ध के वध में भीम की सहायता की जरासन्ध के कारागार से 20800 राजाओं को मुक्त किया और जरासन्ध पुत्र सहदेव का राज्याभिषेक किया।

89 वर्ष 7 महीने की उम्र में धर्मराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक करवाया और 91 वर्ष की आयु में धर्मराज युधिष्ठिर के अश्वमेध-यज्ञ में सम्मिलित हुए फिर 125 वर्ष 4 महीने की उम्र में द्वारका में यदुवंश कुल का विनाश हुआ। फिर 125 वर्ष 5 महीने  21 दिन की आयु में दोपहर 02:27::30 सेकंड पर प्रभास क्षेत्र में स्वर्गारोहण और  कलियुग का प्रारम्भ हुआ था।
 

श्री कृष्ण के 108 नाम जानें :

  1. बाल गोपाल
  2. अचला
  3. अच्युत
  4. अद्भुतह
  5. आदिदेव
  6. अदित्या
  7. अजन्मा
  8. अजया
  9. अक्षरा
  10. अमृत
  11. अनादिह
  12. आनंद सागर
  13. अनंता
  14. अनंतजीत
  15. अनया
  16. अनिरुद्धा
  17. अपराजित
  18. अव्युक्ता
  19. बलि
  20. चतुर्भुज
  21. दानवेंद्रो
  22. दयालु
  23. दयानिधि
  24. देवाधिदेव
  25. देवकीनंदन
  26. देवेश
  27. धर्माध्यक्ष
  28. द्वारकाधीश
  29. गोपाल
  30. गोपालप्रिया
  31. गोविंदा
  32. ज्ञानेश्वर
  33. योगिनाम्पति
  34. हिरण्यगर्भा
  35. ऋषिकेश
  36. जगद्गुरु
  37. जगदीशा
  38. जगन्नाथ
  39. जनार्धना
  40. जयंतह
  41. ज्योतिरादित्या
  42. कमलनाथ
  43. कमलनयन
  44. कामसांतक
  45. कंजलोचन
  46. केशव
  47. कृष्ण
  48. लक्ष्मीकांत
  49. लोकाध्यक्ष
  50. मदन
  51. माधव
  52. मधुसूदन
  53. महेन्द्र
  54. मनमोहन
  55. मनोहर
  56. मयूर
  57. मोहन
  58. मुरली
  59. मुरलीधर
  60. मुरली मनोहर
  61. नंदगोपाल
  62. नारायन
  63. निरंजन
  64. निर्गुण
  65. पद्महस्ता
  66. पद्मनाभ
  67. परब्रह्मन
  68. परमात्मा
  69. परम पुरुष
  70. पार्थसारथी
  71. प्रजापति
  72. पुण्य
  73. पुरुषोत्तम
  74. रविलोचन
  75. सहस्राकाश
  76. सहस्रजीत
  77. सहस्रपात
  78. साक्षी
  79. सनातन
  80. सर्वजन
  81. सर्वपालक
  82. सर्वेश्वर
  83. सत्य वचन
  84. सत्यव्त
  85. शंतह
  86. श्रेष्ठ
  87. श्रीकांत
  88. श्याम
  89. श्यामसुंदर
  90. सुदर्शन
  91. सुमेध
  92. सुरेशम
  93. स्वर्गपति
  94. त्रिविक्रमा
  95. उपेन्द्र
  96. वैकुंठनाथ
  97. वर्धमानह
  98. वासुदेव
  99. विष्णु
  100. विश्वदक्शिनह
  101. विश्वकर्मा
  102. विश्वमूर्ति
  103. विश्वरूपा
  104. विश्वात्मा
  105. वृषपर्व
  106. यदवेंद्रा
  107. योगि
  108. हरि

श्री कृष्ण के 108 नामो के जाप करें :

  1. ॐ परात्पराय नमः
  2. ॐ सर्वग्रह रुपिणे नमः
  3. ॐ सर्वभूतात्मकाय नमः
  4. ॐ दयानिधये नमः
  5. ॐ वेदवेद्याय नमः
  6. ॐ तीर्थकृते नमः
  7. ॐ पुण्य श्लोकाय नमः
  8. ॐ पन्नगाशन वाहनाय नमः
  9. ॐ परब्रह्मणे नमः
  10. ॐ नारायणाय नमः
  11. ॐ दानवेन्द्र विनाशकाय नमः
  12. ॐ यज्ञभोक्त्रे नमः
  13. ॐ दामोदराय नमः
  14. ॐ गीतामृत महोदधये नमः
  15. ॐ अव्यक्ताय नमः
  16. ॐ पार्थसारथये नमः
  17. ॐ बर्हिबर्हावतंसकाय नमः
  18. ॐ युधिष्ठिर प्रतिष्ठात्रे नमः
  19. ॐ बाणासुर करान्तकाय नमः
  20. ॐ वृषभासुर विध्वंसिने नमः
  21. ॐ वेणुनाद विशारदाय नमः
  22. ॐ जगन्नाथाय नमः
  23. ॐ जगद्गुरवे नमः
  24. ॐ भीष्ममुक्ति प्रदायकाय नमः
  25. ॐ विष्णवे नमः
  26. ॐ सुभद्रा पूर्वजाय नमः
  27. ॐ जयिने नमः
  28. ॐ सत्यभामारताय नमः
  29. ॐ सत्य सङ्कल्पाय नमः
  30. ॐ सत्यवाचे नमः
  31. ॐ विश्वरूपप्रदर्शकाय नमः
  32. ॐ विदुराक्रूर वरदाय नमः
  33. ॐ दुर्येधनकुलान्तकाय नमः
  34. ॐ शिशुपालशिरश्छेत्रे नमः
  35. ॐ कृष्णाव्यसन कर्शकाय नमः
  36. ॐ अनादि ब्रह्मचारिणे नमः
  37. ॐ नाराकान्तकाय नमः
  38. ॐ मुरारये नमः
  39. ॐ कंसारये नमः
  40. ॐ संसारवैरिणे नमः
  41. ॐ परमपुरुषाय नमः
  42. ॐ मायिने नमः
  43. ॐ कुब्जा कृष्णाम्बरधराय नमः
  44. ॐ नरनारयणात्मकाय नमः
  45. ॐ स्यमन्तकमणेर्हर्त्रे नमः
  46. ॐ तुलसीदाम भूषनाय नमः
  47. ॐ बृन्दावनान्त सञ्चारिणे नमः
  48. ॐ बलिने नमः
  49. ॐ द्वारकानायकाय नमः
  50. ॐ मथुरानाथाय नमः
  51. ॐ मधुघ्ने नम
  52. ॐ कञ्जलोचनाय नमः
  53. ॐ कामजनकाय नमः
  54. ॐ निरञ्जनाय नमः
  55. ॐ अजाय नमः
  56. ॐ सर्वपालकाय नमः
  57. ॐ गोपालाय नमः
  58. ॐ गोवर्थनाचलोद्धर्त्रे नमः
  59. ॐ पारिजातापहारकाय नमः
  60. ॐ पीतवसने नमः
  61. ॐ वनमालिने नमः
  62. ॐ वनमालिने नमः
  63. ॐ यादवेंद्राय नमः
  64. ॐ यदूद्वहाय नमः
  65. ॐ यादवेंद्राय नमः
  66. ॐ परंज्योतिषे नमः
  67. ॐ इलापतये नमः
  68. ॐ कोटिसूर्यसमप्रभाय नमः
  69. ॐ योगिने नमः
  70. ॐ गोपगोपीश्वराय नमः
  71. ॐ तमालश्यामलाकृतिये नमः
  72. ॐ उत्तलोत्तालभेत्रे नमः
  73. ॐ यमलार्जुनभञ्जनाय नमः
  74. ॐ तृणीकृत तृणावर्ताय नमः
  75. ॐ धेनुकासुरभञ्जनाय नमः
  76. ॐ अनन्ताय नमः
  77. ॐ वत्सवाटिचराय नमः
  78. ॐ योगिनांपतये नमः
  79. ॐ गोविन्दाय नमः
  80. ॐ शुकवागमृताब्दीन्दवे नमः
  81. ॐ मधुराकृतये नमः
  82. ॐ त्रिभङ्गिने नमः
  83. ॐ षोडशस्त्रीसहस्रेशाय नमः
  84. ॐ मुचुकुन्दप्रसादकाय नमः
  85. ॐ नवनीतनटनाय नमः
  86. ॐ नवनीतविलिप्ताङ्गाय नमः
  87. ॐ सच्चिदानन्दविग्रहाय नमः
  88. ॐ नन्दव्रजजनानन्दिने नमः
  89. ॐ शकटासुरभञ्जनाय नमः
  90. ॐ पूतनाजीवितहराय नमः
  91. ॐ बलभद्रप्रियनुजाय नमः
  92. ॐ यमुनावेगासंहारिणे नमः
  93. ॐ नन्दगोपप्रियात्मजाय नमः
  94. ॐ श्रीशाय नमः
  95. ॐ देवकीनन्दनाय नमः
  96. ॐ सङ्खाम्बुजायुदायुजाय नमः
  97. ॐ चतुर्भुजात्तचक्रासिगदा नमः
  98. ॐ हरिये नमः
  99. ॐ यशोदावत्सलाय नमः
  100. ॐ श्रीवत्सकौस्तुभधराय नमः
  101. ॐ लीलामानुष विग्रहाय नमः
  102. ॐ पुण्याय नम
  103. ॐ वसुदेवात्मजाय नमः
  104. ॐ सनातनाय नमः
  105. ॐ वासुदेवाय नमः
  106. ॐ कमलनाथाय नमः
  107. ॐ कृष्णाय नमः
  108. ॐ ॐ अनंताय नमः

श्री कृष्ण जी की आरती जानें :

आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की।।

गले में बैजन्ती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।।

श्रवन में कुंडल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला।।

नैनन बीच, बसहि उरबीच, सुरतिया रूप उजारी की ।।

आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की।।

गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली।।

लतन में ठाढ़ै बनमाली, भ्रमर सी अलक।।

कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक, ललित छबि श्यामा प्यारी की।।

आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की।।

कनकमय मोर मुकट बिलसे, देवता दरसन को तरसे।

गगनसों सुमन रासि बरसै, बजे मुरचंग मधुर मिरदंग।।

ग्वालनी संग, अतुल रति गोप कुमारी की।।

आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की।

जहां ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्री गंगै।।

स्मरन ते होत मोह भंगा, बसी शिव सीस जटाके बीच।।

हरै अघ कीच, चरन छबि श्री बनवारी की।।

आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की।।

चमकती उज्जवल तट रेनू, बज रही वृन्दावन बेनू।।

चहुं दिसि गोपी ग्वाल धेनू, हसत मृदु मंद चांदनी चंद।।

कटत भव फंद, टेर सुनु दीन भिखारी की।।

आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की।।

श्री कृष्ण जी के भारत में टॉप मंदिर जानें :

बांकेबिहारी मंदिर : वृन्दावन

द्वारकाधीश मंदिर : द्वारका

कृष्ण बलराम मंदिर : वृन्दावन

जुगल किशोर मंदिर : मथुरा

गुरुवायुर मंदिर : केरल

श्री कृष्ण मंदिर : उडुपी

गोविंद देव जी मंदिर : जयपुर

नाथद्वारा मंदिर : उदयपुर

राजगोपालस्वामी मंदिर : तमिलनाडु

वेणुगोपाल स्वामी मंदिर : कर्नाटक

श्री कृष्ण जी के राजस्थान में टॉप मंदिर जानें :

बिड़ला मंदिर : जयपुर

अक्षरधाम मंदिर : जयपुर

श्रीनाथजी मंदिर : नाथद्वारा

द्वारकाधीश मंदिर : नाथद्वारा

जगदीश मंदिर : उदयपुर

राज रणछोड़जी मंदिर : जोधपुर

कुंज बिहारी मंदिर : जोधपुर

रसिक बिहारी मंदिर : जोधपुर

 

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