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पेरेंट्स को ट्यूमर है तो घबराएं नहीं, जीन टेस्ट से पता लगा लें : डॉ. मिश्रा

जयपुर : ग्यालोमा, न्यूरो फ्राइब्रोमाटोसिस ट्यूमर अगर माता-पिता को हो चुका हो तो, बच्चों में भी इसके विकसित होने की संभावना रहती है। इसे आनुवांशिक ट्यूमर भी कह सकते हैं। जीन टेस्ट से इसका पता लगाया जा सकता है। इससे घबराने की भी जरुरत नहीं है, क्योंकि यह अब मेडिकल मैनेजमेंट से ठीक किए जा सकते हैं।

ये बात मुंबई से आए न्यूरोसर्जन डॉ. बसंत मिश्रा ने रविवार को इंटरनेशनल मैनिनजिओमा सोसायटी की इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में कही। कॉन्फ्रेंस के ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ. हेमंत भारतीय ने बताया कि तीन दिनों से चल रही इस कॉन्फ्रेंस में 100 से अधिक सेशन हुए। जिसमें मैनिनजिओमा ट्यूमर की जटिलताओं, डायग्नोसिस, बेहतर सर्जिकल, मेडिकल मैनेजमेंट और पोस्ट ऑपरेशन केयर से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा हुई।

सर्जरी के बाद नहीं रहता चेहरे पर निशान

सत्र में एक न्यूरो सर्जन्स ने बताया कि अगर मरीज के ब्रेन में ट्यूमर आगे की तरफ है तो अब तक उसकी सर्जरी में आंख के पास की हड्डी भी काटनी पड़ती थी। जिससे चेहरे की बनावट कुछ खराब हो सकती है। लेकिन अब नई तकनीक ऑर्बिटल रिम स्पेयरिग सिंगल पीस फ्रंटो ऑर्बिटल की-होल से चेहरे की सुंदरता को बनाएं रखते हुए ट्यूमर हटाया जा सकता है। सर्जरी के बाद मरीज के चेहरे पर किसी तरह का निशान भी नहीं रहता है।

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