जयपुर. राज्य का सबसे बड़ा एसएमएस अस्पताल इन दिनों खुद बीमार है। अस्पताल परिसर के चारों ओर गंदगी पसरी हुई है। जगह-जगह जलभराव होने से मक्खी-मच्छरों की भरमार है। वाटर कूलर में काई जमी हुई है। इस कारण रोगियों को लाने वाले परिजन की सेहत खराब हो रही है। इन दिनों डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया सहित मौसमी बीमारियों का प्रकोप फैला हुआ है। एसएमएस अस्पताल इनसे ग्रसित मरीजों की संख्या ज्यादा है। बीते कुछ ही महीनों में प्रदेश भर में 7500 लोग मच्छर जनित बीमारियों की चपेट में आ चुके हैं। सबसे ज्यादा 1123 बीमार राजधानी से हैं। प्रदेश में 6 लोगों की मौत भी हो चुकी है। पत्रिका संवाददाता ने एसएमएस अस्पताल के अंदर और बाहर पड़ताल की तो हर तरफ गंदगी और कूड़े-कचरे के ढेर दिखाई दिए। वाटर कूलर्स के आस-पास काई जमी हुई है और गंदा पानी भरा रहता है। पता चला कि वाटर कूलर्स की लंबे समय से सफाई नहीं हुई।
गंदगी के ढेर से होता है स्वागत : अस्पताल परिसर में प्रदेश के सबसे बड़े आईपीडी टावर का काम चल रहा है। इसके अलावा कुछ टावर और बन रहे हैं, लेकिन अस्पताल परिसर की हालिया स्थिति चिकित्सा व्यवस्था और प्रशासन पर सवाल खड़े कर रही है। उपचार के लिए यहां न केवल प्रदेश से बल्कि यूपी, हरियाणा और एमपी से भी लोग आते हैं। मुख्य दरवाजे पर बीमारों का स्वागत कूड़े के ढेरों से हो रहा है। अस्पताल परिसर-एक के अंदर और बाहर जगह-जगह गंदगी फैली हुई है।
100 मीटर तक मलबा-कूड़ा जमा : आईपीडी टावर के पास 100 मीटर तक मलबा और कूड़ा फैला हुआ है। नगर निगम और अस्पताल प्रशासन की ओर से सफाई के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे।
निर्माण कार्य चल रहा है। इस कारण कहीं-कहीं गंदगी फैली हुई है। बाहर फैली गंदगी के लिए दूसरे विभाग जिम्मेदार हैं। हम समय-समय पर उनको पाबंद भी करते हैं। मुफ्त में खाना बांटने वाले लोग और दुकानों के कारण बाहर गंदगी फैली हुई है। - डॉ. प्रदीप शर्मा, एडिशनल सुपरिटेंडेंट एसएमएस अस्पताल
बाटर कूलर पर जमी काई और फैली गंदगी