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Information about Saawariya Seth: सांवरिया सेठ के बारे में जानकारी

सांवरिया सेठ के बारे में जानकारी :

  • सांवरिया सेठ की मंगला आरती : 5:00 AM
  • सांवरिया सेठ की श्रृंगार आरती : 8:00 AM
  • सांवरिया सेठ का बालभोग : 11:00 AM
  • सांवरिया सेठ का शयन : दोपहर 12:00 PM tसे  2:00 PM
  • सांवरिया सेठ उत्थापन : दोपहर 2:00 PM
  • सांवरिया सेठ की संध्या आरती : सूर्यास्त के बाद
  • सांवरिया सेठ का शयन : 11:00 PM

सांवरिया सेठ मंदिर का समय जानें :

सोमवार से रविवार : सुबह का समय 05:30 से 12:00 तक 

सोमवार से रविवार  : शाम का समय 02:30 से 11:00 तक 

सांवरिया सेठ का मंदिर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है। बताया जाता है की वर्ष 1840 में भोलाराम गुर्जर नाम के एक ग्वाला ने बागुंड गाँव के छापर में तीन दिव्य मूर्तियों को भूमिगत दफनाने का सपना देखा था साइट को खोदने पर भगवान कृष्ण की तीन सुंदर मूर्तिया मिली थी। मूर्तियों में से एक मूर्ति को मंडफिया दूसरी को भादसोड़ा और तीसरी को बागुंड गाँव के छापर में ले जाया गया था। तीनों स्थानो पर  मंदिर बनाए गए। तीनों मंदिर एक-दूसरे के करीब स्थित हैं। सांवरिया सेठ के तीन मंदिर प्रसिद्ध हुए और तब से बड़ी संख्या में भक्त उनके दर्शन करने आते हैं। इन तीन मंदिरों में मंडफिया मंदिर को सांवलिया जी धाम के रूप में मान्यता प्राप्त है।

सांवरिया सेठ मंदिर की आय और कार्य विस्तार को देखते हुए सन् 1956 में श्री सांवरिया सेठ मंदिर प्रबन्धकारिणी कमेंटी का पंजीकरण करवाया गया। ग्राम मण्डफिया सहित समीपस्थ 16 गावों के 65 सदस्यों का ट्रस्ट गठित किया गया । ट्रस्ट गठन के साथ ही मंदिर की आय में वृद्धि होने लगी। श्रृद्वालुओं का आवागमन बढ़ जाने से 1961-62 में कच्चे केलूपोस मंदिर के बजाय विशाल पक्के मंदिर का निर्माण करवाया। इस विशाल पक्के मंदिर में सन् 1980-84 में कांच का चित्त आकर्षक एवं नयानाभिराम अति सुन्दर कार्य करवाया। सन् 1956 से 2 दिसम्बर 1991 तक प्रबन्धकारिणी कमेंटी द्वारा इस मंदिर की देखरेख की जाती रही एवम् अनेक विकास कार्य भी किये गये थे।

श्री सांवरिया सेठ के दर्शनार्थ श्रद्वालुओं का आवागमन उत्तरोत्तर बढ़ने से मुख्य मंदिर ओर आसपास का परिसर बहुत घना प्रतीत होने एवं दर्शनार्थियों की सुविधा व्यवस्था को देखते हुए सन् 1996 में तत्कालीन मंदिर मण्डल प्रबन्धन ने नगर नियोजन विभाग उदयपुर के सहयोग से मंदिर विस्तार एवं परिसर विकास योजना की रूपरेखा तैयार की एवं भूमि अवाप्ति की कार्यवाही से प्रभावित लोगों का पुनर्वास कर तीन करोड़ चौतीस लाख रूपया का मुआवजा भी दिया गया। 

श्री सांवरिया सेठ को भगवान कृष्ण का ही रूप माना जाता है।

श्री सांवरिया सेठ मंदिर भक्त सोने-चांदी की चीज़ें और विदेशी मुद्रा भी भेंट करते हैं।

भक्तगण सांवरिया सेठ से मन्नत मांगने के लिए उन्हें चिठ्ठी भी लिखते हैं।

श्री सांवरिया सेठ के मंदिर से मिलने वाली आय का इस्तेमाल मंदिर निर्माण, धार्मिक कार्यक्रमों, जनकल्याण के कामों में किया जाता है। 

बताया जाता है की लोग अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए श्री कृष्ण के रूप सांवरिया सेठ को अपना बिजनेस पार्टनर बना लेते हैं। केवल इतना ही नहीं लोग अपनी खेती, कारोबार, घर में हिस्सेदारी भी देते हैं और हर महीने की कमाई का एक हिस्सा सांवरिया सेठ के मंदिर में देते हैं।

श्री सांवरिया सेठ मंदिर के धार्मिक उत्सव :

श्री सांवरिया सेठ में वर्ष पर्यन्त विभिन्न परम्परागत धार्मिक उत्सवों में  जन्माष्टमी, जल- झूलनी एकादशी के अवसर पर तीन दिवसीय विशाल मेला, दीपावली व अन्नकूट देवउठनी एकादशी निर्जला एकादशी देवशयनी एकादशी होली, शरद पूर्णिमा बसन्त पंचमी महाशिवरात्री आदि पर्व पूर्ण उत्साह एवं उमंग के साथ आयोजित होते है। प्रतिमाह कृष्ण पक्ष की चतुर्थदशी को श्री सांवरिया सेठ का दानपात्र भण्डार 

खोला जाता है और साथ ही प्रतिमाह अमावस्या को महाप्रसाद का आयोजन भी किया जाता है ।

श्री सांवरिया सेठ की आरती जानें :

बोलो सांवरिया सेठ की जय हो जय हो

मिलोगे मोहन तो बताएँगे तो बताएँगे

तुम्ही सरकार हो मेरे ओ साँवरे ओ साँवरे... 

स्वामी हो मनके दरबार सबसे ऊँचा

मन मोहन मोरे पिया हर मस्तक है नीचा

दिल में साँवरिया हम बसायेंगे तुम ही आधार हो मेरे

ओ साँवरे ओ साँवरे... 

सोना चांदी रूपया नहीं कमी तेरे दाता

सेठों के सांवरा सेठ जग तुझसे ही पाता

जग तुझसे ही पाता तेरी चौखट से झोली भर जाएंगे

तुम ही पालनहार हो मेरे

ओ साँवरे ओ साँवरे...

ओ गोधन के रखवाले बंसीधर ब्रिज वासी

ओ मोरमुकुट वाले अखियां दर्शन प्यासी

जहाँ भी तुम हो सर झुकायेंगे तुम ही परिवार हो मेरे

ओ साँवरे ओ साँवरे...

मीरा के मनमोहन विष अमृत कर डाला

राधा भई प्रेम दीवानी भगवा रंग डाला

दीवाने हम भी बन जाएंगे तुम दिलदार हो मेरे

ओ साँवरे ओ साँवरे...

पीरो की धरती पर तेरी ही ठुकराई

कृपालु साँवरिया तेरी महिमा जग छाई

यार महेश सुरेश हो जाएंगे ओ कृष्ण मुरार मेरे

ओ साँवरे ओ साँवरे...

मिलोगे मोहन तो बताएँगे तो बताएँगे

तुम्ही सरकार हो मेरे ओ साँवरे ओ साँवरे

श्री सांवरिया सेठ 108 नाम

108 नाम मंत्र अर्थ
विष्णु ॐ विष्णवे नमः। सर्वोत्तम भगवान्
लक्ष्मीपति ॐ लक्ष्मीपतये नमः। देवी लक्ष्मी के पति
कृष्ण ॐ कृष्णाय नमः। श्याम
वैकुण्ठ ॐ वैकुण्ठाय नमः। भगवान विष्णु का घर
गरुडध्वजा ॐ गरुडध्वजाय नमः। भगवान विष्णु का नाम
परब्रह्म ॐ परब्रह्मणे नमः। परम निरपेक्ष सत्य
जगन्नाथ ॐ जगन्नाथाय नमः। ब्रह्मांड के भगवान
वासुदेव ॐ वासुदेवाय नमः। सबमे वास करने वाले
त्रिविक्रम ॐ त्रिविक्रमाय नमः। तीनों लोकों के विजेता
दैत्यान्तका ॐ दैत्यान्तकाय नमः। बुराइयों का नाश करने वाला
मधुरि ॐ मधुरिपवे नमः। मिठास
तार्क्ष्यवाहन ॐ तार्क्ष्यवाहनाय नमः। भगवान विष्णु के वाहन का नाम
सनातन ॐ सनातनाय नमः। शाश्वत प्रभु
नारायण ॐ नारायणाय नमः। सबको शरण देने वाले
पद्मनाभा ॐ पद्मनाभाय नमः। कमल के आकार की नाभि वाले भगवान
हृषीकेश ॐ हृषीकेशाय नमः। सभी इंद्रियों के भगवान
कामजनकाय ॐ कामजनकाय नमः। कामजानक
शेषशायिनी ॐ शेषशायिने नमः। शेषशायिनी
चतुर्भुज ॐ चतुर्भुजाय नमः। चार-सशस्त्र भगवान
पाञ्चजन्यधरा ॐ पाञ्चजन्यधराय नमः। पांचजन्यधारा
श्रीमत ॐ श्रीमते नमः। भगवान विष्णु का नाम
शार्ङ्गपाणये ॐ शार्ङ्गपाणये नमः। शार्ंगापन
जनार्दनाय ॐ जनार्दनाय नमः। जो सभी जरूरतमंद लोगों की मदद करता है – करुणा निधान
पीताम्बरधराय ॐ पीताम्बरधराय नमः। वह जो पीले वस्त्र पहनते है
देव ॐ देवाय नमः। दिव्य
सूर्यचन्द्रविलोचन ॐ सूर्यचन्द्रविलोचनाय नमः। सूर्यचंद्रविलोचना
मत्स्यरूप ॐ मत्स्यरूपाय नमः। भगवान मत्स्य – भगवान विष्णु के एक अवतार
कूर्मतनवे ॐ कूर्मतनवे नमः। भगवान कूर्म – भगवान विष्णु के एक अवतार
क्रोडरूप ॐ क्रोडरूपाय नमः। क्रोडारूपा
नृकेसरि ॐ नृकेसरिणे नमः। भगवान विष्णु के चौथे अवतार
वामन ॐ वामनाय नमः। भगवान विष्णु का बौना अवतार
भार्गव ॐ भार्गवाय नमः। भार्गव
राम ॐ रामाय नमः। भगवान विष्णु के सातवें अवतार
बली ॐ बलिने नमः। शक्ति के स्वामी
कल्कि ॐ कल्किने नमः। कलियुग के अंत में प्रकट होंगे भगवान विष्णु अवतार
हयानना ॐ हयाननाय नमः। हयानाना
विश्वम्भरा ॐ विश्वम्भराय नमः। विश्वम्भर
शिशुमारा ॐ शिशुमाराय नमः। शिशुमार
श्रीकराय ॐ श्रीकराय नमः। एक जो श्री देता है
कपिल ॐ कपिलाय नमः। महान ऋषि कपिला
ध्रुव ॐ ध्रुवाय नमः। परिवर्तन के बीच में परिवर्तनहीन
दत्तत्रेय ॐ दत्तत्रेयाय नमः। ब्रह्मांड में महान शिक्षक (गुरु)
अच्युता ॐ अच्युताय नमः। अचूक भगवान
अनन्त ॐ अनन्ताय नमः। अनंत प्रभु
मुकुन्द ॐ मुकुन्दाय नमः। मुक्ति दाता
दधिवामना ॐ दधिवामनाय नमः। दधिवमन
धन्वन्तरी ॐ धन्वन्तरये नमः। समुद्र मंथन के बाद प्रकट हुए आंशिक अवतार
श्रीनिवास ॐ श्रीनिवासाय नमः। श्री का स्थायी निवास
प्रद्युम्न ॐ प्रद्युम्नाय नमः। बहुत अमीर
पुरुषोत्तम ॐ पुरुषोत्तमाय नमः। सर्वोच्च आत्मा
श्रीवत्सकौस्तुभधरा ॐ श्रीवत्सक ौस्तुभधराय नमः। श्रीवास्तव कौस्तुभद्रा:
मुरारात ॐ मुरारातये नमः। मुरारत
अधोक्षजा ॐ अधोक्षजाय नमः। जिसकी जीवन शक्ति कभी नीचे की ओर नहीं बहती
ऋषभाय ॐ ऋषभाय नमः। जब वे राजा नाभि के पुत्र के रूप में प्रकट हुए
मोहिनीरूपधारी ॐ मोहिनीरूपधारिणे नमः। मोहिनीरूपधारी
सङ्कर्षण ॐ सङ्कर्षणाय नमः। संकर्षण
पृथवी ॐ पृथवे नमः। पृथ्वी
क्षीराब्धिशायिनी ॐ क्षीराब्धिशायिने नमः। क्षीरब्धिशायिनी
भूतात्म ॐ भूतात्मने नमः। भगवान विष्णु का एक नाम
अनिरुद्ध ॐ अनिरुद्धाय नमः। जिसे रोका नहीं जा सकता
भक्तवत्सल ॐ भक्तवत्सलाय नमः। जो अपने भक्तों पर प्रेम रखने वाले
नर ॐ नराय नमः। मार्गदर्शक
गजेन्द्रवरद ॐ गजेन्द्रवरदाय नमः। गजेंद्र (हाथी) को वरदान देने वाले
त्रिधाम्ने ॐ त्रिधाम्ने नमः। त्रिधमने
भूतभावन ॐ भूतभावनाय नमः। भूतभवन
श्वेतद्वीपसुवास्तव्याय ॐ श्वेतद्वीपसुवास्तव्याय नमः। श्वेताद्वीपसुवस्ताव्यय
सनकादिमुनिध्येयाय ॐ सनकादिमुनिध्येयाय नमः। संकादिमुनिध्याय
भगवत ॐ भगवते नमः। भगवान से संबंधित (भगवान:)
शङ्करप्रिय ॐ शङ्करप्रियाय नमः। शंकरप्रिय
नीलकान्त ॐ नीलकान्ताय नमः। नीलकंठ
धराकान्त ॐ धराकान्ताय नमः। धराकांता
वेदात्मन ॐ वेदात्मने नमः। वेदों की आत्मा भगवान विष्णु में निहित है
बादरायण ॐ बादरायणाय नमः। बादरायण
भागीरथीजन्मभूमि पादपद्मा ॐ भागीरथीजन्मभूमि पादपद्माय नमः। भागीरथी-जन्मभूमि-पदपद्म:
सतां प्रभवे ॐ सतां प्रभवे नमः। सतम-प्रभावे
स्वभुवे ॐ स्वभुवे नमः। स्वाभुवे
विभव ॐ विभवे नमः। महिमा और समृद्धि
घनश्याम ॐ घनश्यामाय नमः। भगवान कृष्ण
जगत्कारणाय ॐ जगत्कारणाय नमः। जगतकरणाय
अव्यय ॐ अव्ययाय नमः। विनाश के बिना
बुद्धावतार ॐ बुद्धावताराय नमः। भगवान विष्णु का एक अवतार
शान्तात्म ॐ शान्तात्मने नमः। शांतात्मा
लीलामानुषविग्रह ॐ लीलामानुषविग्रहाय नमः। लीला-मानुष-विग्रह:
दामोदर ॐ दामोदराय नमः। जिसका पेट तीन रेखाओं से अंकित है
विराड्रूप ॐ विराड्रूपाय नमः। वीरद्रोपा
भूतभव्यभवत्प्रभ ॐ भूतभव्यभवत्प्रभवे नमः। भूतभववतप्रभा
आदिदेव ॐ आदिदेवाय नमः। देवो के भगवन
देवदेव ॐ देवदेवाय नमः। देवताओं के देवता
प्रह्लादपरिपालक ॐ प्रह्लादपरिपालकाय नमः। प्रहलादपरिपालक
श्रीमहाविष्णु ॐ श्रीमहाविष्णवे नमः। भगवान विष्णु का नाम

 

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