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Information About Maa Saraswati: सरस्वती मां के बारे में जानकारी

सरस्वती मां के बारे में जानकारी :

सरस्वती मां को शिक्षा, संगीत, कला, और विद्या की देवी मानते है।

सरस्वती शब्द संस्कृत के "सरस" शब्द से बना जिसका मतलब "वह जो तरल है।"

सरस्वती मां को शांत और केंद्रित स्वभाव वाली देवी माना जाता है।

सरस्वती मां का जन्मदिन वसंत पंचमी को मनाते है।

सरस्वती मां को सफ़ेद कपड़े पहने दिखाया गया है जो पवित्रता का प्रतीक है।

सरस्वती मां को कमल या हंस पर विराजमान दिखाया गया है।

सरस्वती मां के हाथों में वीणा, पुस्तक, माला, और अक्ष माला होती है।

सरस्वती मां को पीले फल और मिठाई का भोग लगाया जाता है।

सरस्वती मां को बागीश्वरी जयंती के नाम से भी जानते है।

सरस्वती मां को मुक्ति की देवी माना जाता है।

सरस्वती मां को संस्कृत की आविष्कारक देवी माना जाता है।

सरस्वती मां को कला और विज्ञान की संरक्षक भी माना जाता है।

सरस्वती मां हिन्दू धर्म की प्रमुख वैदिक एवं पौराणिक देवियों में से एक हैं। सनातन धर्मशास्त्रों में दो सरस्वतीयो का वर्णन है जिसमे एक ब्रह्मा पत्नी सरस्वती और दूसरी ब्रह्मा पुत्री तथा विष्णु पत्नी सरस्वती है। ब्रह्मा पत्नी सरस्वती मूल प्रकृति से उत्पन्न सतोगुण महाशक्ति एवं प्रमुख त्रिदेवी हैं। और वही विष्णु की पत्नी सरस्वती ब्रह्मा के जिह्वा से प्रकट होने के कारण ब्रह्मा की पुत्री मानी जाती है। कई शास्त्रों में इन्हें मुरारी वल्लभा/विष्णु पत्नी भी कहा गया है।

सरस्वती मां का वर्णन वेदों के मेधा सूक्त में, उपनिषदों, रामायण, महाभारत के अतिरिक्त कालिका उपपुराण, श्रीमद् देवी भागवत, महापुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण में विष्णु पत्नी सरस्वती का विशेष उल्लेख है।

पौराणिक कथा अनुसार सृष्टि के प्रारंभिक काल में पितामह ब्रह्मा ने अपने संकल्प से ब्रह्मांड की तथा उनमें सभी प्रकार के पेड़-पौधे, पशु-पक्षी मनुष्य योनियों की रचना की थी।

सरस्वती मां जुबान पर आती है बताया जाता है कि प्रात: काल 3:10 से 3:15 तक का समय सर्वोत्तम है इस दौरान अगर आप हर रोज अपने मन की कामना बोलें तो आपकी वह इच्छा पूर्ण होती है। और प्रात: काल 3:20 से 3:40 के बीच भी सरस्वती जीभ पर विराजमान होती हैं। और इस समय बोला गया हर शब्द सरस्वती मां की जुबान से बोला गया मानते है।

सरस्वती मां गायकों का गुणगान करती है।

सनातन धर्म में सरस्वती मां को विद्या और बुद्धि की देवी मानते है। और सप्ताह में सरस्वती मां का दिन गुरुवार को माना जाता है क्योंकि गुरु को ज्योतिष में विद्या का कारक माना गया है।

सरस्वती मां की वीणा का नाम कच्छपी है।

सरस्वती मां के गुरु : स्वामी विरजानन्द (1778-1868) संस्कृत के विद्वान, वैदिक गुरु और आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द थे।

सरस्वती मां के 108 नाम और मंत्र जानें :

  1. सरस्वती : ॐ सरस्वत्यै नमः
  2. महाभद्रा : ॐ महाभद्रायै नमः
  3. महामाया : ॐ महमायायै नमः
  4. वरप्रदा : ॐ वरप्रदायै नमः
  5. श्रीप्रदा : ॐ श्रीप्रदायै नमः
  6. पद्मनिलया : ॐ पद्मनिलयायै नमः
  7. पद्माक्षी : ॐ पद्मा क्ष्रैय नमः
  8. पद्मवक्त्रगा : ॐ पद्मवक्त्रायै नमः
  9. शिवानुजा : ॐ शिवानुजायै नमः
  10. पुस्तकधृत : ॐ पुस्त कध्रते नमः
  11. ज्ञानमुद्रा : ॐ ज्ञानमुद्रायै नमः
  12. रमा : ॐ रमायै नमः
  13. परा : ॐ परायै नमः
  14. कामरूपा : ॐ कामरूपायै नमः
  15. महाविद्या : ॐ महाविद्यायै नमः
  16. महापातक नाशिनी : ॐ महापातक नाशिन्यै नमः
  17. महाश्रया : ॐ महाश्रयायै नमः
  18. मालिनी :ॐ मालिन्यै नमः
  19. महाभोगा : ॐ महाभोगायै नमः
  20. महाभुजा : ॐ महाभुजायै नमः
  21. महाभागा : ॐ महाभागायै नमः
  22. महोत्साहा : ॐ महोत्साहायै नमः
  23. दिव्याङ्गा : ॐ दिव्याङ्गायै नमः
  24. सुरवन्दिता : ॐ सुरवन्दितायै नमः
  25. महाकाली : ॐ महाकाल्यै नमः
  26. महापाशा : ॐ महापाशायै नमः
  27. महाकारा : ॐ महाकारायै नमः
  28. महाङ्कुशा : ॐ महाङ्कुशायै नमः
  29. सीता : ॐ सीतायै नमः
  30. विमला : ॐ विमलायै नमः
  31. विश्वा : ॐ विश्वायै नमः
  32. विद्युन्माला : ॐ विद्युन्मालायै नमः
  33. वैष्णवी : ॐ वैष्णव्यै नमः
  34. चन्द्रिका ॐ चन्द्रिकायै नमः
  35. चन्द्रवदना : ॐ चन्द्रवदनायै नमः
  36. चन्द्रलेखाविभूषिता : ॐ चन्द्रलेखाविभूषितायै नमः
  37. सावित्री : ॐ सावित्र्यै नमः
  38. सुरसा : ॐ सुरसायै नमः
  39. देवी : ॐ देव्यै नमः
  40. दिव्यालङ्कारभूषिता : ॐ दिव्यालङ्कारभूषितायै नमः
  41. वाग्देवी : ॐ वाग्देव्यै नमः
  42. वसुधा : ॐ वसुधायै नमः
  43. तीव्रा : ॐ तीव्रायै नमः
  44. महाभद्रा : ॐ महाभद्रायै नमः
  45. महाबला : ॐ महाबलायै नमः
  46. भोगदा : ॐ भोगदायै नमः
  47. भारती : ॐ भारत्यै नमः
  48. भामा : ॐ भामायै नमः
  49. गोविन्दा : ॐ गोविन्दायै नमः
  50. गोमती : ॐ गोमत्यै नमः
  51. शिवा : ॐ शिवायै नमः
  52. जटिला : ॐ जटिलायै नमः
  53. विन्ध्यवासा : ॐ विन्ध्यावासायै नमः
  54. विन्ध्याचलविराजिता : ॐ विन्ध्याचलविराजितायै नमः
  55. चण्डिका : ॐ चण्डिकायै नमः
  56. वैष्णवी : ॐ वैष्णव्यै नमः
  57. ब्राह्मी : ॐ ब्राह्मयै नमः
  58. ब्रह्मज्ञानैकसाधना : ॐ ब्रह्मज्ञानैकसाधनायै नमः
  59. सौदामिनी : ॐ सौदामिन्यै नमः
  60. सुधामूर्ति : ॐ सुधामूर्त्यै नमः
  61. सुभद्रा : ॐ सुभद्रायै नमः
  62. सुरपूजिता : ॐ सुरपूजितायै नमः
  63. सुवासिनी : ॐ सुवासिन्यै नमः
  64. सुनासा : ॐ सुनासायै नमः
  65. विनिद्रा : ॐ विनिद्रायै नमः
  66. पद्मलोचना : ॐ पद्मलोचनायै नमः
  67. विद्यारूपा : ॐ विद्यारूपायै नमः
  68. विशालाक्षी : ॐ विशालाक्ष्यै नमः
  69. ब्रह्मजाया : ॐ ब्रह्मजायायै नमः
  70. महाफला : ॐ महाफलायै नमः
  71. त्रयीमूर्ती : ॐ त्रयीमूर्त्यै नमः
  72. त्रिकालज्ञा : ॐ त्रिकालज्ञायै नमः
  73. त्रिगुणा : ॐ त्रिगुणायै नमः
  74. शास्त्ररूपिणी : ॐ शास्त्ररूपिण्यै नमः
  75. शुम्भासुरप्रमथिनी : ॐ शुम्भासुरप्रमथिन्यै नमः
  76. शुभदा : ॐ शुभदायै नमः
  77. सर्वात्मिका : ॐ स्वरात्मिकायै नमः
  78. रक्तबीजनिहन्त्री : ॐ रक्तबीजनिहन्त्र्यै नमः
  79. चामुण्डा : ॐ चामुण्डायै नमः
  80. अम्बिका : ॐ अम्बिकायै नमः
  81. मुण्डकायप्रहरणा : ॐ मुण्डकायप्रहरणायै नमः
  82. धूम्रलोचनमर्दना : ॐ धूम्रलोचनमर्दनायै नमः
  83. सर्वदेवस्तुता : ॐ सर्वदेवस्तुतायै नमः
  84. सौम्या : ॐ सौम्यायै नमः
  85. सुरासुर नमस्कृता : ॐ सुरासुर नमस्कृतायै नमः
  86. कालरात्री : ॐ कालरात्र्यै नमः
  87. कलाधारा : ॐ कलाधारायै नमः
  88. रूपसौभाग्यदायिनी : ॐ रूपसौभाग्यदायिन्यै नमः
  89. वाग्देवी : ॐ वाग्देव्यै नमः
  90. वरारोहा : ॐ वाराह्यै नमः
  91. वारिजासना : ॐ वारिजासनायै नमः
  92. चित्राम्बरा : ॐ चित्राम्बरायै नमः
  93. चित्रगन्धा : ॐ चित्रगन्धायै नमः
  94. चित्रमाल्यविभूषिता : ॐ चित्रमाल्यविभूषितायै नमः।
  95. कान्ता : ॐ कान्तायै नमः।
  96. कामप्रदा : ॐ कामप्रदायै नमः
  97. वन्द्या : ॐ वन्द्यायै नमः
  98. विद्याधरसुपूजिता : ॐ विद्याधरसुपूजितायै नमः
  99. श्वेतासना : ॐ श्वेतासनायै नमः
  100. नीलभुजा : ॐ नीलभुजायै नमः
  101. चतुर्वर्गफलप्रदा : ॐ चतुर्वर्गफलप्रदायै नमः
  102. चतुरानन साम्राज्या : ॐ चतुरानन साम्राज्यायै नमः
  103. रक्तमध्या : ॐ रक्तमध्यायै नमः
  104. निरञ्जना : ॐ निरञ्जनायै नमः
  105. हंसासना : ॐ हंसासनायै नमः
  106. नीलजङ्घा : ॐ नीलजङ्घायै नमः
  107. ब्रह्मविष्णुशिवात्मिका : ॐ ब्रह्मविष्णुशिवान्मिकायै नमः

सरस्वती मां की आरती जानें :

ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।

सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥ ॐ जय सरस्वती माता...

चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी ।

सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ ॐ जय सरस्वती माता...

बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला ।

शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ॥ ॐ जय सरस्वती माता...

देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया ।

पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ ॐ जय सरस्वती माता...

विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो ।

मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो ॥ ॐ जय सरस्वती माता...

धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो ।

ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥ ॐ जय सरस्वती माता...

माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे ।

हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे ॥ ॐ जय सरस्वती माता...

जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।

सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥

ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता॥

सरस्वती मां की वंदना :

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता

या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।

या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता

सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं

वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌।

हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌

वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥

सरस्वती मां चालीसा जानें :

दोहा :

जनक जननि पद कमल रज,निज मस्तक पर धारि।

बन्दौं मातु सरस्वती,बुद्धि बल दे दातारि॥

पूर्ण जगत में व्याप्त तव,महिमा अमित अनंतु।

रामसागर के पाप को,मातु तुही अब हन्तु॥

चौपाई :

जय श्री सकल बुद्धि बलरासी। जय सर्वज्ञ अमर अविनासी॥

जय जय जय वीणाकर धारी। करती सदा सुहंस सवारी॥

रूप चतुर्भुजधारी माता। सकल विश्व अन्दर विख्याता॥

जग में पाप बुद्धि जब होती। जबहि धर्म की फीकी ज्योती॥

तबहि मातु ले निज अवतारा। पाप हीन करती महि तारा॥

बाल्मीकि जी थे बहम ज्ञानी। तव प्रसाद जानै संसारा॥

रामायण जो रचे बनाई। आदि कवी की पदवी पाई॥

कालिदास जो भये विख्याता। तेरी कृपा दृष्टि से माता॥

तुलसी सूर आदि विद्धाना। भये और जो ज्ञानी नाना॥

तिन्हहिं न और रहेउ अवलम्बा। केवल कृपा आपकी अम्बा॥

करहु कृपा सोइ मातु भवानी। दुखित दीन निज दासहि जानी॥

पुत्र करै अपराध बहूता। तेहि न धरइ चित सुन्दर माता॥

राखु लाज जननी अब मेरी। विनय करूं बहु भांति घनेरी॥

मैं अनाथ तेरी अवलंबा। कृपा करउ जय जय जगदंबा॥

मधु कैटभ जो अति बलवाना। बाहुयुद्ध विष्णू ते ठाना॥

समर हजार पांच में घोरा। फिर भी मुख उनसे नहिं मोरा॥

मातु सहाय भई तेहि काला। बुद्धि विपरीत करी खलहाला॥

तेहि ते मृत्यु भई खल केरी। पुरवहु मातु मनोरथ मेरी॥

चंड मुण्ड जो थे विख्याता। छण महुं संहारेउ तेहि माता॥

रक्तबीज से समरथ पापी। सुर-मुनि हृदय धरा सब कांपी॥

काटेउ सिर जिम कदली खम्बा। बार बार बिनवउं जगदंबा॥

जग प्रसिद्ध जो शुंभ निशुंभा। छिन में बधे ताहि तू अम्बा॥

भरत-मातु बुधि फेरेउ जाई। रामचन्द्र बनवास कराई॥

एहि विधि रावन वध तुम कीन्हा। सुर नर मुनि सब कहुं सुख दीन्हा॥

को समरथ तव यश गुन गाना। निगम अनादि अनंत बखाना॥

विष्णु रूद्र अज सकहिं न मारी। जिनकी हो तुम रक्षाकारी॥

रक्त दन्तिका और शताक्षी। नाम अपार है दानव भक्षी॥

दुर्गम काज धरा पर कीन्हा। दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा॥

दुर्ग आदि हरनी तू माता। कृपा करहु जब जब सुखदाता॥

नृप कोपित जो मारन चाहै। कानन में घेरे मृग नाहै॥

सागर मध्य पोत के भंगे। अति तूफान नहिं कोऊ संगे॥

भूत प्रेत बाधा या दुःख में। हो दरिद्र अथवा संकट में॥

नाम जपे मंगल सब होई। संशय इसमें करइ न कोई॥

पुत्रहीन जो आतुर भाई। सबै छांड़ि पूजें एहि माई॥

करै पाठ नित यह चालीसा। होय पुत्र सुन्दर गुण ईसा॥

धूपादिक नैवेद्य चढावै। संकट रहित अवश्य हो जावै॥

भक्ति मातु की करै हमेशा। निकट न आवै ताहि कलेशा॥

बंदी पाठ करें शत बारा। बंदी पाश दूर हो सारा॥

करहु कृपा भवमुक्ति भवानी। मो कहं दास सदा निज जानी॥

दोहा :

माता सूरज कान्ति तव, अंधकार मम रूप।

डूबन ते रक्षा करहु, परूं न मैं भव-कूप॥

बल बुद्धि विद्या देहुं मोहि, सुनहु सरस्वति मातु।

अधम रामसागरहिं तुम, आश्रय देउ पुनातु॥

सरस्वती मां के प्रसिद्ध मंदिर जानें :

सरस्वती मंदिर : पुष्कर राजस्थान

वारंगल श्री विद्या सरस्वती मंदिर : आंध्रप्रदेश

श्री ज्ञान सरस्वती मंदिर : आंध्र प्रदेश

पनाचिक्कड़ सरस्वती मंदिर : केरल

सरस्वती माता मंदिर : माणा

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Note: This information is sourced from public government resources. Please verify all details directly from official government portals for accuracy before making any decisions.